Message from Director General
53rd Foundation Day
(Aug 28, 2023)
महानिदेशक का संदेश
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक गतिशील, आधुनिक सोच एवं तकनीकी विरासत से परिपूर्ण संस्था है। आज जब हम पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो का 53वां स्थापना दिवस मना रहे हैं और इसके साथ ही मैंने ब्यूरो में अपने कार्यकाल के 2 वर्ष पूर्ण किए हैं तो मेरा मानना है कि ब्यूरो ने सदैव क्षमता निर्माण, आधुनिकीकरण पहल और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, केंद्रीय पुलिस संगठनों, कारागारों एवं पुलिस बलों को समय, काल, तकनीक एवं परिस्थितियों के अनुरूप बनाने का प्रयत्न किया है जिससे ये संगठन आधुनिक भारत के सपनों को साकार करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ लोकतंत्रात्मक मूल्यों को संजोते हुए एक नागरिक केंद्रित पुलिस सेवा का निर्माण कर सकें।
माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने BPR&D के 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संदेश में लिखा था कि “BPR&D के बगैर अच्छे पुलिसिंग की कल्पना नहीं हो सकती।” यह संदेश न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि ब्यूरो के लिए ‘भविष्य का विज़न’ भी स्थापित करता है। इस जिम्मेदारी को हम इसी तरह आगे भी आपसी सहयोग से निभाते रहेंगे।
ब्यूरो अपनी अधीनस्थ इकाइयों CAPT भोपाल, CDTIs – गाजियाबाद, कोलकाता, हैदराबाद, चंडीगढ़ और जयपुर के माध्यम से संबंधित Centre of Excellence के क्षेत्र में पुलिस एवं केंद्रीय पुलिस बलों को उच्च कोटि के ज्ञान एवं व्यावसायिक कौशल में सक्षम बना रहा है। ब्यूरो ने उन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 बैठकों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए, जहां जी-20 बैठकें आयोजित होने वाली थीं। मुझे यह सूचित करते हुए भी बड़ा हर्ष हो रहा है कि CAPT भोपाल एवं 5 CDTIs के अतिरिक्त ब्यूरो का छठा CDTI, बेंगलुरु, जो कि स्मार्ट पुलिसिंग के क्षेत्र में Centre of Excellence के रूप में विकसित किया जाना है, इसी महीने अपना प्रशिक्षण कार्य आरंभ कर चुका है। इसके अलावा, 2 अन्य CDTIs, अगरतला और श्रीनगर में स्थापित करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन है, जिनकी शीघ्र ही स्वीकृति मिलने की संभावना है।
हम दिन-प्रतिदिन बदल रही तकनीक के युग में जी रहे हैं और हमारे पुलिस बल भी इससे अछूते नहीं हैं। ब्यूरो का आधुनिकीकरण प्रभाग अपने विभिन्न प्रयासों से पुलिस बलों को उपयुक्त आधुनिक तकनीक अपनाने में मदद कर रहा है जिससे कि वे और बेहतर हो सकें।
इसके साथ ही ब्यूरो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को नीति-निर्माण में आवश्यक एवं महत्वपूर्ण इनपुट दे रहा है। मुझे खुशी है कि हाल ही में, ब्यूरो के कार्यों को तब मूर्त रूप मिला जब गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने आदर्श कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम 2023 को स्वीकृत कर इसे राज्यों को लागू करने हेतु भेजा।
इसके अतिरिक्त जहां तक भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित 3 नए बिल - भारतीय नागरिक संहिता - 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - 2023 एवं भारतीय साक्ष्य संहिता - 2023 का प्रश्न है, मुझे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि इनका औपचारिक चिंतन सर्वप्रथम ब्यूरो में ही आरंभ हुआ था और आज नए भारत के निर्माण में ये बिल नए कानून का स्वरूप लेने के लिए तैयार हैं।
अपनी नवीनतम पहल के तहत विशेष प्रोजेक्ट डिविजन के द्वारा एक पाक्षिक पत्रिका ‘सजग भारत’ एवं ‘Vigilant India’ का प्रकाशन आरंभ किया गया है जिसके माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न प्रभागों, CAPFs एवं CPOs के अच्छे कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य आरंभ किया गया है, जिससे जनता के बीच इनके अच्छे कार्यों को पहुंचाया जा सके। हमारे इस प्रयास की बहुत प्रशंसा हो रही है जिसके लिए मुझे ब्यूरो पर गर्व है।
मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि BPR&D में मेरे साथ कार्य कुशल, सक्षम, ऊर्जावान, गतिशील, प्रशिक्षित एवं दूरदर्शी अधिकारियों की टीम उपलब्ध है जो अपने प्रभागों के दायित्वों के साथ-साथ गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा अन्य मंत्रालयों द्वारा दिये गये समसामयिक विषयों जैसे कि आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चुनौती, महिला सशक्तिकरण, पुलिस छवि, CAPF की क्षमता निर्माण तथा विभिन्न महत्वपूर्ण पुलिस एवं सुरक्षा के विषयों पर सकारात्मक सहयोग कर रहे हैं। गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने ब्यूरो पर पिछले 53 वर्षों से जो भरोसा जताया है, उसके लिए हमें गर्व है।
बालाजी श्रीवास्तव, भा.पु.से.
महानिदेशक, बीपीआरडी